नामी ब्रांड्स की जेनेरिक दवाओं को प्रत्येक जान तक सस्ते दामों पर पहुंचने के उद्देश्य से जेनेरिक दवाओं की फ्रैंचाइज़ी दवा दोस्त को स्थापित किया गया है। गौरतलब हैं कि जेनेरिक दवाएं पेटेंट मुक्त दवाइयां हैं, जो कि खुराक के रूप, सुरक्षा और शक्ति, दवा लेने के तरीके, गुणवत्ता, प्रदर्शन विशेषताओं और इच्छित उपयोग के रूप में पहले से ही उपलब्ध ब्रांड के समान ही बनाई जाती हैं। दवा दोस्त की स्थापना श्री अमित चौधरी और श्री यश हरलालका ने की है।
प्रत्येक नागरिक को सुलभता से सस्ती दवाओं को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से
जेनेरिक दवाओं के क्षेत्र में, नवाचारी फार्मेसी
श्रृंखला ‘दवा दोस्त‘ ने हाल ही में राजस्थान के जयपुर में अपने
स्टोर्स को लाॅन्च कर दिया है। जयपुर में कंपनी ने एक साथ 6 स्टोर्स लाॅन्च किये है। इन स्टोर्स पर बेहद सस्ती कीमतों
पर प्रसिद्ध ब्रांड्स की जेनेरिक दवायें उपभोक्ताओं को उपलब्ध होगी तथा दवा दोस्त
से ग्राहकों को उनकी दवाइयों के बिल पर 80 प्रतिशत तक की बचत प्राप्त हो सकेगी। श्री अमित चैधरी और श्री यश हरलालका
द्वारा स्थापित दवा दोस्त को अर्नेस्ट एन्ड यंग के एक्स एडवाइसरी लीडर श्री सुनील
चंदिरमानी, क्यूमैथ्स के चीफ
ऑपरेटिंग ऑफिसर श्री गोविन्द राजन, फार्मा क्षेत्र
के दिग्गज श्री अमित कासलीवाल, तारा मेडिकोस और
उद्योग जगत के प्रमुख हस्तियों का समर्थन प्राप्त है।
दवा दोस्त के बारे में जानकारी देते हुए दवा दोस्त के सीईओ, अमित ने कहा, “लगभग 68 प्रतिशत भारतीय
आबादी के पास आवश्यक दवाओं तक सीमित या न के बराबर पहुंच है, इसलिए ये दवाएं अक्सर उच्च कीमतों पर उपलब्ध
होती हैं। इस अंतर को कम करने और समाज के हर वर्ग तक, प्रसिद्ध ब्रांड्स की ब्रांडेड दवाएं सस्ती कीमतों पर
उपलब्ध कराने के उद्देश्य के अंतर्गत हमने दवा दोस्त स्टोर्स को शुरू करने का
फैसला किया हैं, इसके माध्यम से
अब हर नागरिक को सुलभ, सस्ती और
विश्वसनीय जेनेरिक दवाएं उपलब्ध हो पायेंगी।"
गौरतलब है की सिप्ला, अल्केम, एबॉट, जाइडस, लीफोर्ड आदि जैसे
प्रसिद्ध नामों की जेनेरिक दवाओं की उपलब्धता के साथ, दवा दोस्त यह सुनिश्चित करेगा कि उच्च गुणवत्ता वाली
ब्रांडेड जेनेरिक दवाइयां समाज को सुलभता के साथ उपलब्ध कराई जाए ताकि वे अपने
चिकित्सा खर्चों में 50 से 80 प्रतिशत तक खर्च में कमी ला सके।
जेनेरिक दवाओं के बारे में समाज को शिक्षित और जागरूक करने के लिए दवा दोस्त
की रणनीति के बारे में विस्तार से बताते हुए, दवा दोस्त के सीओओ, यश हरलालका ने साझा किया किआज भारत में बेची
जाने वाली 85-90 प्रतिशत दवाएं
जेनेरिक दवाएं हैं और इसलिए उपभोक्ताओं को जेनेरिक दवाओं और उनके बारे में जागरूक
करने के लिये, दवा दोस्त ने एक
उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रम बनाया है, जिसका नाम ‘‘4 टिक किया क्या?"
जिसमें हम उपभोक्ता को ब्रांडेड दवाओं के साथ
किसी भी जेनेरिक दवा के मिलान के लिए 4 महत्वपूर्ण कारकों के बारे में बताएंगे। प्रशन के 4 कारक हैं - दवाई का एपीआई/साॅल्ट, शक्ति या चिकित्सा की खुराक, दवा का रूप, खुराक का फॉर्म
यानी कि दवा कैप्सूल है या टेबलेट या सिरप/लोशन या दवा का मरहम या दवा जारी करने
का पैटर्न अर्थात दवा तेज राहत है या धीमी राहत दवा।
उन्होंने आगे बताया की हमें भरोसा है कि दवा दोस्त ग्राहकों को काफी कम मूल्य
पर अच्छी क्वालिटी/ब्रांडेड दवायें पहुंचाने के मिशन पर 200 स्टोर के साथ तथा 1 लाख उपभोक्ताओं के लक्ष्य को जल्द हासिल कर लेगी एवं हमारे उपभोक्ताओं को इससे
हर महीने करोड़ों की बचत होगी।
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